Friday, 20 December 2024

'सीमाए' किसी मर्यादा मे तो रहे किसी का मर्यादा से पार हो जाना न हो सरोकार, गुरुत्व से,मूल्यों से,संस्कारो से निर्णय तो लेना है स्वयं की हवा बांध रखने का या कि वायुमंडल मे विलीन हो जाने का। कोई विचार मे ही रहे अवश्यमेव ही निकट होना अभीष्ट नही समय,साधनो के संकट से घिरा जीवन्त रहे निर्जीव का समीप होना भी वांछनीय नही स्पंदन का बंधन पर्याप्त है।

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